धनशोधन मामला: ED ने सपा विधायक इरफान सोलंकी के कानपुर स्थित परिसरों पर की छापे मारी
Money laundering case
कानपुर। Money laundering case: कानपुर में ईडी की टीम ने गुरुवार सुबह छह बजे सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई अरशद, प्रॉपर्टी के कारोबार में साझीदार हाजी वसी और महिला सपा नेता नूरी शौकत के घरों सहित में छह ठिकानों पर छापेमारी की। टीम ने जबरन वसूली, सरकारी व निजी संपत्तियों समेत नजूल की जमीनों पर कब्जा, अवैध निर्माण के साथ ही मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत जांच की है।
इरफान सोलंकी के आवास से आय से अधिक संपत्ति में 282 प्रतिशत की वृद्धि के साक्ष्य मिले हैं। विधायक के घर से 26 लाख रुपये नकद के साथ बैंक खाते में साढ़े 12 करोड़ रुपये होने का ब्योरा मिला, जबकि आयकर रिटर्न में सिर्फ छह लाख रुपये की औसत आय दिखाई गई।
टीम ने घर में मौजूद सभी लोगों के मोबाइल फोन जमा कराकर घर के सीसी कैमरों को बंद कर दिया। जांच के दौरान घर में अलमारियों को काटने के लिए इलेक्ट्रिक कटर, प्रिंटिंग मशीन और अन्य उपकरण भी मंगाए थे। इरफान के खनन के कारोबार से जुड़े साक्ष्य भी ईडी ने खंगाले हैं। जांच के दायरे में अभी कई और लोग भी आ सकते हैं।
आठ नवंबर, 2022 को डिफेंस कॉलोनी जाजमऊ के नसीर फातिमा ने विधायक के भाई रिजवान पर प्लाट पर जबरन कब्जा करने और आग लगाने का आरोप लगाया और उसमें विधायक को भी शामिल बताया था। मामले में कई दिन फरार रहने के बाद विधायक ने आत्मसमर्पण कर दिया था।
विधायक पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी और महाराजगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया था। जांच में रियल एस्टेट कारोबारी कंपनी हमराज कंस्ट्रक्शन में विधायक की पत्नी नसीम की साझेदारी की बात सामने आने पर कंपनी के निदेशक हाजी वसी और शौकत अली पर शिकंजा कसा गया था।
तीन जून, 2022 को शहर में हुए दंगे के मामले में वसी को जेल भेजा गया था जबकि शौकत की जमीन पर कब्जे के मामले में गिरफ्तारी हुई थी। फर्जी दस्तावेज के आधार पर बांग्लादेशियों को देश में अवैध रूप से बसाने का भी मामला सामने आया था। वह इसके बाद से लगातार जांच एजेंसियों के रडार पर हैं।
ईडी की जांच के दौरान पता चला कि 2016 से 2022 तक विधायक रहने के दौरान इरफान की संपत्ति 282 प्रतिशत बढ़ी, जबकि उसकी आय में कोई वृद्धि नहीं हुई। जांच में इरफान की कई बेनामी संपत्तियां भी सामने आईं।
आरोप है कि राजनीतिक प्रभाव और अपराध से कमाए गए धन को वैध करने के लिए कई फर्जी व्यवसायिक संस्थाएं भी बनाई गई हैं। बैंक खाते की पड़ताल से पता चला है कि पिछले पांच वर्ष में इरफान को करीब साढ़े 12 करोड़ रुपये प्राप्त हुए जबकि आयकर रिटर्न में केवल छह लाख रुपये प्रतिवर्ष औसत आय दिखाई गई थी, जिसकी जांच चल रही है।
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